करें संस्कारित लाड़लों को हाँ, मैं नारी, कभी ना हारी हूँ। करें संस्कारित लाड़लों को हाँ, मैं नारी, कभी ना हारी हूँ।
खुद को झांक जरा अंदर आग काफी है जिंदगी में बस अब एक उड़ान बाकी है। खुद को झांक जरा अंदर आग काफी है जिंदगी में बस अब एक उड़ान बाकी है।
मुकेश बिस्सा श्री कन्हैया कुंज,4 नवखुनिया, गांधी कॉलोनी,जैसलमेर मुकेश बिस्सा श्री कन्हैया कुंज,4 नवखुनिया, गांधी कॉलोनी,जैसलमेर
पत्थर की इस दुनिया में, पत्थर की इस दुनिया में,
वजूद वजूद क्या लगा रखा है तुमने ? तू एक कीड़ा है बस जमीं पर रेंगता रह... वजूद वजूद क्या लगा रखा है तुमने ? तू एक कीड़ा है बस जमीं पर रेंगता रह...
हम रह गए, वो कह गए बाढ़ ऐसी आयी, के सब बह गए हम रह गए, वो कह गए बाढ़ ऐसी आयी, के सब बह गए